महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा होता है UTI का खतरा, इन 6 चीजों से करें परहेज
महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा होता है UTI का खतरा, इन 6 चीजों से करें परहेज
महिलाओं में UTI क्यों आम है?
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे लाखों लोग हर साल प्रभावित होते हैं। यह संक्रमण पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकता है, लेकिन महिलाओं में इसके मामले अधिक देखने को मिलते हैं। इसका मुख्य कारण महिलाओं की शारीरिक संरचना है, जिससे बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग में प्रवेश कर ब्लैडर तक पहुंचना आसान हो जाता है। इस लेख में हम उन चीजों के बारे में जानेंगे, जिनसे महिलाओं को UTI से बचने के लिए परहेज करना चाहिए।
UTI के सामान्य लक्षण
UTI होने पर निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:
पेशाब करते समय जलन या दर्द
बार-बार पेशाब करने की इच्छा
पेशाब में खून आना
पेट के निचले हिस्से में दर्द
बुखार और ठंड लगना
UTI से बचने के लिए इन 6 चीजों से करें परहेज

1. चीनी से भरपूर चीजों से दूर रहें
मीठे खाद्य पदार्थ और ड्रिंक्स बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं, जिससे UTI का खतरा बढ़ सकता है। महिलाओं को अत्यधिक चीनी युक्त चीजें जैसे:
सोडा
जूस
कैंडी
मिठाइयों का सेवन कम करना चाहिए। अधिक चीनी शरीर में सूजन और संक्रमण को बढ़ावा दे सकती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही लें।
2. कैफीन और शराब से बचें
कैफीन और शराब दोनों ही ब्लैडर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ये पदार्थ ब्लैडर में जलन और सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे UTI का खतरा बढ़ सकता है।
कैफीनयुक्त कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक्स से बचें।
शराब के अधिक सेवन से शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और संक्रमण से बचाव हो।
3. मसालेदार भोजन का सेवन कम करें
मसालेदार भोजन का अधिक सेवन ब्लैडर की जलन को बढ़ा सकता है। इससे UTI के लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं। यदि आप पहले से ही UTI से पीड़ित हैं, तो मसालेदार भोजन को सीमित करें।
मिर्च-मसाले वाले भोजन से बचें।
हल्के और सुपाच्य भोजन को प्राथमिकता दें।
ज्यादा तला-भुना खाने से परहेज करें।
4. आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल न करें
कई अध्ययनों में पाया गया है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर ब्लैडर को प्रभावित कर सकते हैं और UTI के खतरे को बढ़ा सकते हैं। ये शरीर के आंतरिक बैक्टीरिया संतुलन को भी बिगाड़ सकते हैं।
डाइट सोडा और आर्टिफिशियल स्वीटनर वाले उत्पादों से दूर रहें।
प्राकृतिक शक्कर विकल्प जैसे शहद या गुड़ का इस्तेमाल करें।
5. पेशाब को ज्यादा देर तक रोककर न रखें
बहुत देर तक पेशाब रोककर रखने से ब्लैडर पर दबाव पड़ता है और यह बैक्टीरिया के बढ़ने का कारण बन सकता है।
समय पर पेशाब करें।
अगर आपको पेशाब करने की इच्छा हो, तो तुरंत बाथरूम जाएं।
ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से ब्लैडर में सूजन आ सकती है, जिससे UTI का खतरा बढ़ सकता है।
6. एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक इस्तेमाल न करें
UTI के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, लेकिन इनका अधिक उपयोग बैक्टीरिया के असंतुलन को बढ़ा सकता है।
एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह से करें।
बार-बार एंटीबायोटिक्स लेने से शरीर में अच्छे बैक्टीरिया भी खत्म हो सकते हैं, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
UTI से बचने के अन्य उपाय
1. पानी का अधिक सेवन करें
पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है और मूत्र मार्ग को साफ रखता है ।
रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।
नारियल पानी और हर्बल टी का सेवन करें।
2. हाइजीन का विशेष ध्यान रखें
अच्छी स्वच्छता अपनाने से UTI के खतरे को कम किया जा सकता है।
टॉयलेट के बाद हमेशा आगे से पीछे की ओर सफाई करें।
नियमित रूप से अंडरगारमेंट बदलें।
हल्के और सूती कपड़े पहनें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे।
3. प्रोबायोटिक्स लें
प्रोबायोटिक्स शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखते हैं और संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।
दही, छाछ और किमची जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स भी डॉक्टर की सलाह पर ले सकते हैं।
4. सेक्स के बाद साफ-सफाई का ध्यान रखें
यौन संबंधों के दौरान बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे UTI का खतरा बढ़ सकता है।
सेक्स के बाद पेशाब करें।
हल्के साबुन से साफ-सफाई करें।
5. प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का सेवन करें
कुछ प्राकृतिक उपाय भी UTI को रोकने में मदद कर सकते हैं।
क्रैनबेरी जूस बैक्टीरिया को ब्लैडर की दीवारों से चिपकने से रोक सकता है।
धनिया पानी पीने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और संक्रमण से राहत मिलती है।
तुलसी और हल्दी एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं।
निष्कर्ष
UTI एक आम समस्या है, लेकिन सही आदतों को अपनाकर और कुछ चीजों से परहेज करके इसे रोका जा सकता है। चीनी, कैफीन, शराब, मसालेदार भोजन और आर्टिफिशियल स्वीटनर से बचें। समय पर पेशाब करें और एंटीबायोटिक दवाओं का सीमित उपयोग करें। पर्याप्त पानी पिएं, हाइजीन का ध्यान रखें और प्रोबायोटिक्स व प्राकृतिक उपचार अपनाएं। अगर UTI के लक्षण गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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