देवआनंद और सुरैया का अधूरा प्यार – जब धर्म और परिवार बने इस लवस्टोरी की दीवार!

 

देवआनंद और सुरैया का अधूरा प्यार – जब धर्म और परिवार बने इस लवस्टोरी की दीवार!

1950 के दशक में बॉलीवुड में एक ऐसी प्रेम कहानी चर्चा का विषय बनी थी, जिसने सभी को चौंका दिया। यह कहानी थी देव आनंद और सुरैया की। दो दिल जो एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन उनकी लव स्टोरी का दुखद अंत हुआ। आइए जानते हैं उनके प्यार की पूरी कहानी, जो कभी मुकम्मल नहीं हो पाई।


फ़िल्मविद्या’ सेदेवआनंदऔरसुरैयाकीमुलाकात

देव आनंद और सुरैया की मुलाकात 1948 में फ़िल्म विद्या के सेट पर हुई थी। देव आनंद, जो उस समय बॉलीवुड के सबसे हैंडसम और चर्चित अभिनेता थे, पहली बार सुरैया की मासूमियत और खूबसूरती से प्रभावित हुए। सुरैया के प्रति उनके आकर्षण ने धीरे-धीरे एक गहरे प्रेम संबंध का रूप ले लिया।

परिवारकाविरोधऔरप्रेमकीकठिनाइयाँ

जैसे ही सुरैया के परिवार को उनके और देव आनंद के रिश्ते के बारे में पता चला, उन्होंने तुरंत इसे नकारा किया। सुरैया के परिवारवालों को देव आनंद से प्यार करने पर बहुत आपत्ति थी, और इसके पीछे मुख्य कारण था दोनों का अलग-अलग धर्मों से होना। सुरैया के परिवार ने उनकी मुलाकातों पर सख्त पहरा लगा दिया, जिससे दोनों एक-दूसरे से मिलने और बात करने में भी असमर्थ हो गए।

देवआनंदकीशादीकाप्रस्तावऔरसुरैयाकाइंकार

देव आनंद ने एक बार फिर से सुरैया से शादी के लिए प्रस्ताव दिया था। 1950 में, फ़िल्म नीली की शूटिंग के दौरान देव आनंद ने उन्हें शादी के लिए कहा, लेकिन सुरैया ने एक बार फिर से मना कर दिया। इससे नाराज़ देव आनंद ने सुरैया को थप्पड़ मारा और ‘कायर’ कहकर उनपर गुस्सा जाहिर किया। इस घटना के बाद, देव आनंद ने सुरैया को एक महंगी हीरे की अंगूठी दी, लेकिन सुरैया के परिवार ने इसे नकारते हुए इसे समुद्र में फेंक दिया।

धर्मऔरपरिवारकादबाव

देव आनंद अपनी आत्मकथा रोमांसिंग विद लाइफ में अपने और सुरैया के रिश्ते का विस्तार से उल्लेख करते हैं। उन्होंने बताया कि सुरैया के परिवारवालों के द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी, जिसके बाद सुरैया ने देव आनंद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सुरैया ने अंततः अपने परिवार और धर्म के दबाव में आकर देव आनंद से दूरी बना ली।

अंतिममुलाकातऔरदर्दनाकगुडबाय

देव आनंद ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में सुरैया से इस मुलाकात का ज़िक्र किया। दोनों लंबे समय तक एक-दूसरे से नहीं मिल पाए थे, लेकिन जब वे मिले, तो देव आनंद ने उन्हें अपनी बाहों में भर लिया और एक आखिरी बार शादी का प्रस्ताव दिया। इस दौरान सुरैया की आँखों में आँसू थे, और वह बार-बार “आई लव यू” कहती जा रही थीं। यह मुलाकात उनके बीच के अधूरे प्यार को और भी दर्दनाक बना गई।

अधूरीलवस्टोरीकाअंजाम

देव आनंद ने इस दर्दनाक लव स्टोरी के बाद अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ते हुए अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी की। वहीं, सुरैया ने अपने दिल में छुपे इस अधूरे प्यार को अपनी पूरी ज़िन्दगी भर दबाए रखा और अकेले ही जीवन बिताया। दोनों की कहानी बॉलीवुड की सबसे दिलचस्प और दुखद प्रेम कहानियों में से एक बन गई।

देव आनंद और सुरैया की लव स्टोरी एक ऐसी प्रेम कहानी है, जो कभी पूरी नहीं हो पाई। अलग-अलग धर्म और पारिवारिक दबाव ने इस खूबसूरत रिश्ते को टूटने पर मजबूर कर दिया। लेकिन उनकी कहानी आज भी लोगों के दिलों में जीवित है, और यह साबित करती है कि कभी-कभी प्यार सच्चा होता है, लेकिन हालात उसे पूरा नहीं होने देते।






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